Protests erupt outside Kasba Police station as 3 arrested in alleged Kolkata college gang rape
कलकत्ता हाईकोर्ट ने नाबालिग का अंडरविडर खोल कर उसे अपने साथ सुलाने के रेप के समान अपराध करार दिया है. एक मामले की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने यह फैसला सुनाया।
नाबालिग को अंडरवियर उतारकर सोने के लिए मजबूर करना रेपके समान है। हाल ही में कलकत्ता हाईकोर्ट ने ऐसा फैसला सुनाया। इस मामले में भले ही नाबालिग के साथ शारीरिक दुष्कर्म नहीं हुआ था, लेकिन कोर्ट ने इसे अपराध में शामिल माना है।
दक्षिण दिनाजपुर के बालुरघाट जिला एवं सत्र न्यायालय के फैसले में रवि रॉय नाम के एक व्यक्ति को एक नाबालिग के खिलाफ यौन अपराध का दोषी पाया गया। हाईकोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखा है और इस तरह की हरकत को अपराध माना है।
आरोप है कि रवि ने सात मई 2007 को शाम साढ़े छह बजे के करीब नाबालिग लड़की को आइसक्रीम का लालच देकर घर के पास सूनसान में ले गया। उसके बाद नाबालिगों के अंडरगारमेंट्स खोलने की बात कही। नाबालिग इसके लिए राजी नहीं हुई।
आरोप के अनुसार इसके बाद उसने खुद ही उसे खोला और उसे जबरन लिटा दिया। डर के मारे चीखने-चिल्लाने पर आसपास के लोग मौके पर आ गए।
पिटाई के बाद रवि को पुलिस को सौंप दिया। उस मामले में, नवंबर 2008 में, रवि को 6 महीने के सश्रम कारावास के साथ साढ़े 5 साल की जेल की सजा सुनाई गई थी। साथ ही तीन हजार रुपये जुर्माना भी लगाया था।